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Anubhavon Ki Dunia – Kavita Sangrah

165.00 132.00

by Vikram Milki

ISBN: 9789354460050

PRICE: 165

Pages: 97

Language: Hindi

Category: Poetry / General

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Description

“अनुभव की दुनिया” कविता संग्रह
मेरे अपने निजी विचारों और अनुभूतियों की पहल है|
जिसमें कविताओं का संग्रह निम्न प्रकार है|
वीर सपूत ,अजीब आहट,बसंत आयो रे,अक्षर,आंखें, शिक्षक की व्यथा, साथ अगर तुम होते मेरे, वर्षा ऋतु, पतंग, वृद्ध आश्रम, वैश्विक महामारी कॉरोना, प्रगति के तीन प्रश्न, सेनानी, जिंदगी, चुभन, विधवा व्यथा, हो जीवन में धन दौलत, अन्नदाता, सुकून, इंसान और माटी, अंतर्द्वंद, अभिमान, गर्मी, नव वर्ष स्वागत, कैसे मैं नवबर्ष मनाऊं, मानवता का पतन, रोटियां, कोई, जीना सीख गया हूं मैं,, हिंदी है जिंदगी है बंदगी मेरी, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, छोड़ आया हूं, ग़ज़ल, खंडहर, यहां भी है जीवन वहां भी है जीवन, कोहरा, जीने का अधिकार तुम्हारे हाथों में, वृक्ष इत्यादि कविताओं का संग्रह किया गया है|

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